UP Ganna Payment मुख्य तथ्य
- उत्तर प्रदेश के गन्ना उत्पादन पर आधारित लगभग 50 लाख गन्ना किसान अपने भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण किसानों का गन्ना पेमेंट बकाया है।
- यूपी में किसानों द्वारा करीब 28 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल में गन्ने का उत्पादन किया जाता है।
- जिनमें 119 चीनी मिलों द्वारा 127 लाख टन चीनी के उत्पादन के लिए 1119 लाख टन गन्ने की पेराई की जाती है।
- गन्ना विकास विभाग के अंतर्गत कुल 169 सहकारी गन्ना विकास समिति व शुगर मिल शामिल है।
- इनका कार्य गन्ना विकास विभाग के क्षेत्र में आने वाले गन्ना किसानों को कीटनाशक, कृषि निवेश उर्वरक तथा मशीनरी उपलब्ध कराना है।
- गन्ना किसानों को सरकारी एवं निजी मिलों से लगभग 12 हजार करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान प्राप्त होगा।
- चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से किसानों को विभिन्न सेवाएं प्रदान किए जाएंगे, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
- इस पोर्टल के जरिए किसान धोखाधड़ी से बच सकेंगे और किसानों का भुगतान डायरेक्ट उनके बैंक खाते प्राप्त होगा।
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पिछले गन्ना रेट के मुकाबले इस बार ₹25 प्रति क्विंटल पर बढ़ाते हुए ₹350 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यानी 2022-23 में खरीदे जाने वाले गन्ने का भाव ₹350 प्रति क्विंटल है।
उत्तर प्रदेश गन्ना भुगतान कब तक 2023
- उत्तर प्रदेश सबसे अधिक गन्ना उत्पादन वाला राज्य है, लेकिन किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या गन्ना भुगतान समय पर ना होना है। एक किसान कितनी मेहनत के साथ गन्ने की खेती करता है और कई बार उन्हें प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में नुकसान हो जाता है और समय पर भुगतान प्राप्त न होना भी उनके लिए एक बड़ी समस्या बन जाती है। यदि किसानों का भुगतान समय पर किया जाए तो वह और अधिक मेहनत के साथ खेती करेंगे।
- किसानों का पिछले वर्ष 2021-22 के गन्ने का भुगतान अभी बकाया है। अधिकतर चीनी मीलों द्वारा 31 जनवरी 2022 तक ही गन्ना भुगतान किया जा चुका है। जल्द ही बाकी चीनी मीलों द्वारा भी किसानों का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा।
- मलिक ने कहा कि वर्ष 2022-23 में गन्ने के मूल्य में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है. ऐसे में किसानों को सीएम योगी से बड़ी आस है. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि यूपी सरकार गन्ना के समर्थन मूल्य में 30 से 35 रुपये की बढ़ोतरी कर सकती है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के 45 लाख से ज्यादा किसानों के जीवन में गन्ने के माध्यम से मिठास आती है. प्रदेश के पश्चिमी भू-भाग में गन्ने को मुख्य नगदी फसल के रूप में उगाया जाता है.
- इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसानों की मांगें न मानी गईं तो इस बार आरपार की लड़ाई होगी और आने आने वाले चुनाव में किसान के साथ आम जनता सबक सिखाने का काम भी करेगी.
- राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि किसानों को मुफ्त बिजली देंगे, फ्री बिजली किसानों को नहीं दी. उल्टे आज किसानों के ट्यूबवेल पर बिजली मीटर जबरन लगाए जा रहे हैं. गन्ना सीजन शुरू होने को है लेकिन गन्ना रेट अबतक घोषित नहीं किया गया. अब गन्ना रेट नहीं बढ़ेगा तो कब बढ़ेगा. आज गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. उसका ब्याज पहले से बकाया चल रहा है.
उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती का महत्व
उत्तर प्रदेश के लिए गन्ने की खेती के बारे में कुछ जानकारी दी गई है:
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है। यहाँ गन्ने की खेती का इतिहास बहुत पुराना है और यह राज्य देश के लगभग एक-तिहाई गन्ना उत्पादन का उत्पादन करता है। उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती मुख्य रूप से दो क्षेत्रों में की जाती है:
गंगा का मैदान: यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है और यहाँ गन्ने की खेती के लिए अनुकूल जलवायु और मिट्टी है। इस क्षेत्र में गन्ने की खेती के मुख्य केंद्र इलाहबाद, प्रतापगढ़ और बहराईच जिले हैं।
गन्ने की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है, लेकिन यह कठिन भी है। गन्ने की खेती के लिए अच्छी जलवायु, मिट्टी और सिंचाई की आवश्यकता होती है। गन्ने की खेती के लिए काफी मेहनत की जरूरत होती है और गन्ने के पौधे को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए देखभाल की भी जरूरत होती है।
Pingback: UP Board Time Table 2024:यूपी बोर्ड 10वीं 12वीं का टाइम टेबल 2024 यहां देखें - dekrekh.com