इन दिनों गन्ने की फसल में टॉप बोरर नामक कीड़ा अपना असर दिखा रहा है गन्ने में टॉप बोरर और पोका बोइंग रोग को कैसे 1 दिन में खत्म करें गन्ने की फसल में टॉप बोरर रोग काफी बढ़ गया है इसी के चलते गन्ने की फसल में अब नया रोग पैर पसार रहा है
जिसे पोका बोइंग रोक के नाम से जाना जाता है पोका बोइंग का कारण तापमान और आद्रता है जिसकी वजह से गन्ने के उत्पादन में कमी आ सकती है ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ गई है इस रोग का मुख्य कारण बिना उपचार के बीजों का उपयोग करने की वजह से हुआ है यह रोग ज्यादातर 0238 किस्म के गन्ने में फैल रहा है
कृषि विज्ञान के अधिकारी डॉ आई के कुशवाह ने बताया है कि इस समय किसानों की मुख्य फसल गन्ने में कई प्रकार के रोग फेल रहे हैं यह रोग गन्ने की फसल के लिए बहुत घातक होते हैं उन्होंने कहा है कि यह रोग गन्ने की फसल में 1 साल में कभी भी आ सकता है इसलिए किसानों को समय-समय पर विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए
टॉप बोरर रोग क्या है
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के सामने पहले से ही समस्याओं का अंबार रहा है और अब गन्ने की फसल में लगे टॉप बोरर कीट से बहुत परेशान हैं गन्ने की फसल में यह बहुत तेजी से फैल रहा है किसानों की आम भाषा में इसे सुंडी कहते हैं लेकिन कृषि अधिकारी और वैज्ञानिक भाषा में इसे चोटी बेदक यानी टॉप बोरर कहते हैं इस कीट का प्रकोप 0238 वैरायटी के गन्ने में अधिक हो रहा है और जिले में 95 परसेंट से अधिक फसल इसी वैरायटी के गन्ने की है गन्ने के इस प्रमुख कीट का प्रकोप पंजाब और हरियाणा की अपेक्षा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा है
गन्ने में टॉप बोरर और पोका बोइंग रोग को कैसे 1 दिन में खत्म करें
टॉप बोरर रोग को कैसे खत्म करें
किसान यह उपचार करें कि कीट से बचाव के लिए किसान भाई जून माह के दूसरे व तीसरे सप्ताह में कार्बो पैरान नामक कीटनाशक रसायन का प्रयोग करें इस रसायन को प्रति एकड़ 13 से 15 किलोग्राम तक का छिड़काव करें एवं इस बीमारी की रोकथाम के लिए कोरोजन दवा का छिड़काव सबसे बेहतर होता है
टॉप बोरर रोग की रोकथाम के लिए मई से जून के पहले सप्ताह तक प्रति एकड़ 50ML का कोराजन दवा को 400 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर दें इसके अलावा फर्टेरा का भी उपयोग किया जा सकता है लेकिन फर्टेरा का उपयोग करने के लिए खेत में कम से कम 45 दिनों तक नमी होनी चाहिए और याद रहे कि दवा का छिड़काव सुबह या शाम के वक्त में जड़ों के नजदीक करें खेत में दवा का उपयोग करने के बाद अगले 24 घंटों के अंदर खेत की सिंचाई कर देनी चाहिए
पोका बोइंग रोग क्या है
गन्ने में पोका बोइंग रोग अधिकतम फ्यूजिरेयम ऑक्सिस्पोरम नामक फफूंदी के कारण फैलता है पोका बोइंग गन्ने की फसल में होने वाला एक फफूंद रोग है जिसका प्रकोप आमतौर पर बरसात के महीने में देखा जाता है वह का बोइंग फ्यूजिरेयम कवक के द्वारा फैलता है पोका बोइंग रोग चोटी बेदक रोग के जैसे होने के कारण किसान इसकी अच्छे तरीके से पहचान नहीं पाते और गलत कवकनाशी का प्रयोग कर लेते है
पोका बोइंग रोग को कैसे खत्म करें
पोका बोइंग रोग खत्म करने के लिए रोपाई के समय बीज एवं मिट्टी का उपचार करना आवश्यक है गन्ने की फसल में अगर पोका बोइंग रोग लग रहा हैं तो जल्द से जल्द इसका उपचार करना चाहिए इसके लिए किसान 1 किलोग्राम ट्राइकोडरमा पाउडर को 25 किलोग्राम गाय के गोबर मिलाकर प्रति एकड़ खेत में डालना चाहिए या जीकैन केमिकल्स के द्वारा बने कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं आप कार्बनर्डाजिम, कॉपर ऑक्सिक्लोराइड और मैनकोज़ेब में से किसी भी दवा का उपयोग कर सकते हैं
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गन्ने में टॉप बोरर और पोका बोइंग रोग को कैसे 4 दिन में खत्म करें FAQs..
गन्ने में बैक्टीरिया से लगने वाला रोग कौन सा है?
यह माइकोप्लाज्मा के समान सूक्ष्मजीव से होने वाला रोग है। इसके कारण संक्रमित गन्ने से बहुत सारे पतले प्ररोह व तने निकलते हैं, जिनमें हरापन नहीं होता है। यह पूरा समूह घास के समान दिखाई देता है। इस रोग से ग्रसित समूह में गन्ने नहीं बनते या छोटे पतले आकार के बनते हैं।
गन्ने में कौन सी दवा डालनी चाहिए?
मोनोकोटोफास 36 प्रतिशत घोल 2.1 ली0/हे0 की दर से 1250 ली0 पानी में घोलकर दो बार मध्य अगस्त एवं सितम्बर में छिड़काव करना।
गन्ने की पत्तियां पीली क्यों पड़ रही है?
गर्मियों के दिनों में गन्ने की फसल में पायरिला कीट का प्रकोप रहता है, ये पत्तियों का रस चूसते हैं, जिससे पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं। ऐसे में किसान समय रहते इससे बचाव करके नुकसान से बच सकते हैं। बढ़ते तापमान के साथ ही गन्ने की फसल में कई तरह के कीट लग जाते हैं, इनमें पायरिला कीट प्रमुख कीट होता है।
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